कविता बेवफा October 24, 2014 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment कांबले साहेबराव मैंने उसको सहलाया ,दुलारा ,प्यार से देखा उसके आने का इंतज़ार किया। अपना पसीना बहा कर उसे सींचा पर आज ओ इतरा रहा है , किसी रेस्तरा मैं एक सेठ के प्लेट के सामने पड़ा हुआ थोड़ा गौर से मैंने उसे देखा , तो उसका रंग बदल गया था मेरे पसीने की […] Read more » बेवफा