कविता बैठा नाक गुरूर !! October 30, 2020 / October 30, 2020 by डॉ. सत्यवान सौरभ | Leave a Comment नई सदी ने खो दिए, जीवन के विन्यास !सांस-सांस में त्रास है, घायल है विश्वास !! रिश्तों की उपमा गई, गया मनों अनुप्रास !ईर्षित सौरभ हो गए, जीवन के उल्लास !! कहाँ हास-परिहास अब,और बातें जरूर !मिलने ना दे स्वयं से, बैठा नाक गुरूर !! बोये पूरा गाँव जब, नागफनी के खेत !कैसे सौरभ ना […] Read more » बैठा नाक गुरूर