कविता भजन: प्रभु महिमा February 27, 2025 / February 27, 2025 by नन्द किशोर पौरुष | Leave a Comment तर्ज: नई………। मु: ओ सृष्टि के रचियता —- 4, तूने क्या गजब किया।बनाई सारी सृष्टि उसमें खुद ही छिप गया।।ओ सृष्टि के रचियता —- 4, तूने क्या गजब किया। …………..। अ: १ रमा हुआ है तेरा नूर ब्रह्माण्ड में ऐसे। २माखन छुपा हुआ है, दही दूत में जैसे।।मंथन किया है जिसने -2 उसको ही मिल […] Read more » भजन: प्रभु महिमा