साहित्य भारत की सही पहचान (भाग १.) September 16, 2012 / September 16, 2012 by विश्वमोहन तिवारी | 6 Comments on भारत की सही पहचान (भाग १.) विश्व मोहन तिवारी मुझे यह बहुधा सुनने में आता है कि भारत, अर्थात इंडिया, कभी एक देश नहीं था; वे इतने आत्मविश्वास से यह कहते हैं कि उऩ्हें यह नहीं सूझता कि इसे एक प्रश्न के रूप में रखना विनम्रता का सूचक होगा। यह कथन एक तो अंग्रेज़ी पढ़े लिखे लोग करते हैं, और दूसरे […] Read more » भारत की सही पहचान (भाग १.)