आर्थिकी विविधा भारत गुलामी की ओर…….. August 7, 2015 / August 11, 2015 by संजय चाणक्य | Leave a Comment ‘‘ जिनके दिल में दर्द है दुनिया का, वही दुनिया मे जिन्दा रहते है! जो मिटाते है खुद को जीते जी, वही मरकर जिन्दा रहते है!!’’ अगर हम आपसे कहे कि भारत एक बार फिर गुलामी की ओर बढ़ रहा है, तो शायद आपकों कुछ अटपटा सा लगेगा। हो भी क्यों नही। क्योकि जहां से […] Read more » भारत गुलामी