धर्म-अध्यात्म योग साधना से ईश्वर की प्राप्ति ही मनुष्य जीवन का प्रमुख उद्देश्य October 19, 2016 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment ऋषि दयानन्द योग विषयक अपने व्याख्यान में सत्यार्थप्रकाश के सप्तम् समुल्लास में कहते हैं कि जो उपासना (अर्थात् योग) करना चाहे, उसके लिये यही आरम्भ है कि वह किसी से वैर न रक्खे। सर्वदा सब से प्रीति करे। सत्य बोले। मिथ्या कभी न बोले। चोरी न करे। सत्य व्यवहार करे। जितेन्द्रिय हो। लम्पट न हो और निरभिमानी हो। अभिमान कभी न करे। Read more » ईश्वर की प्राप्ति मनुष्य जीवन का प्रमुख उद्देश्य योग योग साधना