कहानी मर्डर इन गीतांजलि एक्सप्रेस February 25, 2015 by विजय कुमार सप्पाती | 6 Comments on मर्डर इन गीतांजलि एक्सप्रेस ||| सुबह 8:30 ||| मैंने टैक्सी ड्राईवर से पुछा- “और कितनी देर लगेंगी।” उसने कहा – “साहब बस 30 मिनट में पहुंचा देता हूँ।” मैंने घडी देखी 8:40 हो रहे थे। मैंने कहा – “यार 9 बजे की गाडी है।” थोडा जल्दी करो यार। उसने स्पीड बढ़ा दी. मैं नासिक की सडको को देखने लगा। मैं अपनी कंपनी के काम से आया हुआ था. […] Read more » मर्डर इन गीतांजलि एक्सप्रेस