कविता मां का आंचल May 9, 2015 by रवि श्रीवास्तव | 2 Comments on मां का आंचल -रवि विनोद श्रीवास्तव- मेरी ये कविता मदर्स डे पर संसार की सभी माओं को समर्पित। बचपन में तेरे आंचल में सोया, लोरी सुनाई जब भी रोया। चलता था घुटनो पर जब, बजती थी तेरी ताली तब। हल्की सी आवाज पर मेरी, न्योछावर कर देती थी खुशी। चलने की कोशिश में गिरा। जब पैर अपनी खड़ा […] Read more » Featured कविता मां का आंचल मां पर कविता