विविधा व्यंग्य मान और अपमान August 7, 2015 by विजय कुमार | 1 Comment on मान और अपमान विद्वानों के अनुसार सृष्टि के जन्मकाल से ही मान और अपमान का अस्तित्व है। लक्ष्मण जी ने वनवास में शूर्पणखा की नाक काटी थी। उसने इस अपमान की रावण से शिकायत कर दी। अतः सीता का हरण हुआ और फिर रावण का कुलनाश। द्रौपदी के एक व्यंग्य ‘‘अंधे का पुत्र अंधा ही होता है’’ ने […] Read more » अपमान मान