कविता साहित्य मेरी बेटी July 11, 2017 by राकेश कुमार पटेल | Leave a Comment खुशबू है मेरी आंगन की जो सारे घर को महकाती है। लोरी है मेरी दामन की जो खुद को और मुझे सुलाती है। कोयल है एक डाली की जो सारे बाग को चहकाती है कली है एक फुल की जो बेरंग दुनिया में रंग भर जाती है। एक बुंद है सागर की जो मेरी प्यास […] Read more » मेरी बेटी