कविता मेरे कन्हैया प्रभु July 9, 2021 / July 9, 2021 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment मेरे मन में बस जाओ कन्हैया मेरे,सुबह उठते ही तुम्हें मै निहारा करूं। चराते हो जो गईया मधुबन में प्रभुउन गाईयो का मैं नित्य दुग्ध पान करू। बजाते हो बंसी जो यमुना तट परउस बंसी की तान में रोज श्रवण करू। खाते हो जो माखन मिश्री प्रभु तुम,उस माखन को मैं रोज तैयार करूं। खेलते […] Read more » मेरे कन्हैया प्रभु