कविता
मैं खुद के लिए काफी हूं
/ by चरखा फिचर्स
प्रियंका साहूमुज़फ़्फ़रपुर, बिहारमैं खुद के लिए काफी हूं,नहीं चाहिए मुझे,किसी की दोस्ती,किसी का प्यार,नहीं चाहिए मुझे,किसी की हमदर्दी,किसी का साथ,मुझे तो बस चाहिए, एक पंख जो ले जाए,मुझे मेरे सपनों के संग,जिसे देख दुनिया रह जाए दंग मैं खुद के लिए काफी हूं, फर्क नहीं पड़ता मुझे,लोगों के तानों का,उनकी बातों का,मुझे फर्क पड़ता है,मेरे सुनहरे सपनों […]
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