धर्म-अध्यात्म मैं ब्रह्म नहीं, अल्प, चेतन व बद्ध जीवात्मा हूं December 4, 2015 / December 4, 2015 by मनमोहन आर्य | 2 Comments on मैं ब्रह्म नहीं, अल्प, चेतन व बद्ध जीवात्मा हूं हम इस जड़-चेतन संसार में रहते हैं। यह सारा जगत हमारा परिवार है। सभी जड़ पदार्थ हमें अपने गुणों से लाभ पहुंचाते हैं। हमें पदार्थों के गुणों को जानना है और जानकर उनका सदुपयोग करना है। हमारे वैज्ञानिकों ने यह कार्य सरल कर दिया है। उन्होंने जड़ पदार्थों को अन्यों की तुलना में कहीं अधिक […] Read more » चेतन व बद्ध जीवात्मा हूं मैं ब्रह्म नहीं
धर्म-अध्यात्म मैं ब्रह्म नहीं अपितु एक जीवात्मा हूं July 29, 2015 by मनमोहन आर्य | 4 Comments on मैं ब्रह्म नहीं अपितु एक जीवात्मा हूं मैं कौन हूं? यह प्रश्न कभी न कभी हम सबके जीवन में उत्पन्न होता है। कुछ उत्तर न सूझने के कारण व अन्य विषयों में मन के व्यस्त हो जाने के कारण हम इसकी उपेक्षा कर विस्मृत कर देते हैं। हमें विद्यालयों में जो कुछ पढ़ाया जाता है, उसमें भी यह विषय व इससे […] Read more » जीवात्मा हूं मैं ब्रह्म नहीं