कविता मैं हाथरस की बेटी हूँ September 30, 2020 / September 30, 2020 by प्रभुनाथ शुक्ल | Leave a Comment कोख में मरती और , हाथरस का परिहास हूँ !जिस्म नोचते भेडियों, का मै एक अवसाद हूँ ! ! सत्ता के नारों की बस , मैं गढ़ी एक तस्वीर हूँ !अखबारों की सुर्ख़ियों की, मैं एक लकीर हूँ ! ! मैं माँ, बहन और बेटी का, बस एक इश्तहार हूँ !चौघट से बाहर घुरती , […] Read more » brutal rape case of hathras hathras rape case मैं हाथरस की बेटी हूँ