कविता साहित्य यमुना मइया की कामना November 25, 2017 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | Leave a Comment डा. राधेश्याम द्विवेदी मेरे पद पंकज का वंदन चाहे मत एक बार करो । गाल बजाने वालो के सब ढोंगो का प्रतिकार करो । भाव सुमन के नहीं दिखावटी माला मुझे चढ़ाते हो । सड़ी गली बदबुओं से मेरी पवित्रता मिटाते हो ।। मुझको चुनरी नहीं चढ़ाओ मत दीपो का दान करो । दीन हीन […] Read more » यमुना मइया की कामना