धर्म-अध्यात्म यशोदानंदन-६ February 15, 2015 / February 15, 2015 by विपिन किशोर सिन्हा | Leave a Comment कंस बाल्यकाल से ही आततायी और आसुरी प्रवृत्ति का था। राजा उग्रसेन के अथक प्रयास के पश्चात भी उसके स्वभाव में कोई परिवर्तन नहीं आया। वह उग्र से उग्रतर होता ही गया। युवराज पद पर अभिषेक के पश्चात् तो वह एक प्रकार से राजा ही हो गया। महाराज उग्रसेन का साम्राज्य उनके लिए मात्र […] Read more » यशोदानंदन-६