आलोचना नामवर सिंह और युवालेखन की उलटबाँसी May 7, 2012 / May 7, 2012 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | 1 Comment on नामवर सिंह और युवालेखन की उलटबाँसी जगदीश्वर चतुर्वेदी नामवर सिंह को युवालेखन पसंद है। युवाओं को प्रोत्साहित करना उनके स्वभाव का सामान्य अंग है। लेकिन युवा संस्कृति को वे सरलीकरणों के जरिए व्याख्यायित करते हैं। युवाओं को सरलीकरणों के जरिए नहीं समझा जा सकता। युवाओं के साहित्य को परिवार,स्कूली शिक्षा के दर्शन ,मासकल्चर और मासमीडिया के प्रभाव के बिना नहीं समझा […] Read more » नामवर सिंह युवालेखन