विविधा अहम सवाल- जिन्दगी जैसी है वैसी क्यों हैं August 1, 2018 / August 1, 2018 by गंगानन्द झा | Leave a Comment गंगानन्द झा रचना (यहाँ टाइप या पेस्ट करें): एक किताब मिली। The Vital Question. Why life is the way it is. लेखक हैं Nick Lane । (अहम सवाल, जिन्दगी जैसी है वैसी क्यों है। ) मैं जीव-विज्ञान का छात्र रहा हूँ।मैंने सीखा कि प्रोटोप्लाज्म जीवन का भौतिक आधार है। मैंने सीखा कि पदार्थ के एक विशेष […] Read more » Featured अहम सवाल- जिन्दगी जैसी है वैसी क्यों हैं आत्मा जीव-विज्ञान परमात्मा रवीन्द्रनाथ ठाकुर लोक परलोक
समाज पाश्चात्य समीक्षकों की दृष्टि में गीतांजलि May 29, 2018 by डॉ छन्दा बैनर्जी | Leave a Comment डॉ. छन्दा बैनर्जी सन् 1913 का वर्ष न केवल भारत के लिए बल्कि पूरे विश्व के लिए आध्यात्मिक-ऐश्वर्य का अभूतपूर्व वर्ष था । इसी वर्ष विश्वसाहित्याकाश में ध्रुवतारा सदृश भारत की पहचान बनी थी रवीन्द्रनाथ ठाकुर की लेखनगर्भ से जन्मी ‘गीतांजलि’ । ‘गीतांजलि’ – अर्थात ईश्वर के प्रति गीतों की अंजली । गीतांजलि केवल कुछ […] Read more » Featured गीतांजलि नोबल पुरस्कार यूनाइटेड किंगडम की रॉयल सोसाइटी रवीन्द्रनाथ रवीन्द्रनाथ ठाकुर श्री बसन्त कुमार राय
कहानी संन्यासी लेखक May 14, 2018 / May 14, 2018 by गंगानन्द झा | Leave a Comment गंगानन्द झा वह शाम खास थी। राजशेखर अपने शिक्षक और गुरु रामकृष्ण महाराज के साथ हमारे घर पर आया था। वे रामकृष्ण मिशन के संन्यासी हैं और रामकृष्ण मिशन विद्यापीठ, देवघर में वे राजशेखर के प्रिंसिपल रह चुके थे। राजशेखर पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में एडवोकेट हैं.। पर अपने विद्यालय के महाराजजी से […] Read more » Featured आध्यात्मिकता कविताओं और गीतों धार्मिकता बोधगम्य शैली रवीन्द्रनाथ ठाकुर रामकृष्ण मिशन विद्वानों