कविता आज की जनता June 25, 2018 / June 25, 2018 by विनीत कुमार शर्मा | Leave a Comment विनीत कुमार शर्मा मुश्किल थी तब बढ़ती जाती चिंता चारो ओर, गली गली में बैठे थे कुछ ऐसे समाज के चोर कुछ ऐसे चोर जो खाते जनता का पैसा, करते थे अय्यासी पता नहीं कैसा कैसा II बहकाते बरगलाते रोज जनता को ऐसे, देश की दौलत हो जैसे उनके बाप के पैसे, जनता का विस्वास […] Read more » आज की जनता नदी विकास रहनुमा समाज सहानुभूति