कविता साहित्य रहस्यमयी सूर्य October 12, 2015 / October 12, 2015 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment पवन प्रजापति उदय प्रताप इंटर कालेज, वाराणसी तीक्ष्ण किरण के आदि अंत में हे दिनकर! तुम हो अन्नत में सौर कुटुम्ब के तुम आधार शून्य जगत में निराकार ।। अमिट अथाह उर्जाओं का श्रोत अति उष्मा से ओत प्रोत दुग्घ्ध मेखला के परितः चलायमान अन्नत आकाश में उदियमान ।। अंधकार है शत्रु तुम्हारा संपूर्ण विश्व […] Read more » रहस्यमयी सूर्य