कहानी विविधा रुमाल खो गया April 29, 2015 by रवि कुमार छवि | Leave a Comment -रवि कुमार छवि- शनिवार का दिन था। शाम के 5 बज चुके थे। दफ्तर के ज्यादातर कमरे बंद होने शुरु हो गए थे। रवि अपना बचा हुआ निपटाने में लगा हुआ था। इतने में पीछे से आवाज़ आती है अरे दोस्त चलना नहीं है क्या, कुछ देर अपनी उंगुलियों को थामते हुए ने कहा बस […] Read more » Featured कहानी रुमाल खो गया