कविता एक सोच लड़की है पराया धन September 20, 2020 / September 20, 2020 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment क्यो समझते है,लड़की है पराया धनलड़का है अपना धनजबकि दोनों लेते हैएक कोख से जन्म। दोनों की जन्म मैमां को होती हैंएक सी पीड़ादोनों ही जन्म के बादकरते है एक सी क्रीड़ा।ये हैं एक प्रकृति नियमफिर भी समझते हैलड़की है पराया धनलड़का है अपना धन।। दोनों का एक घरदोनों का एक आंगनदोनों का एक मालीदोनों […] Read more » लड़की है पराया धन