चिंतन लौट आओ तुम June 16, 2015 by रवि कुमार छवि | Leave a Comment -रवि कुमार छवि- रात के करीब 10 बजे है। रसोई में रखे खाली बर्तन निशब्द थे. पिंकी और सोनू आज जल्दी सो गए थे.रसोई में लगा एक बल्ब पूरे घर को रोशन कर रहा था। आज राधिका की बहुत याद आ रही थी सोचा कि एक खत लिख दूं । सोचा कि दवाई पी लूं […] Read more » Featured लौट आओ तुम व्यंग्य