खेत-खलिहान साहिब,वक्त बदल रहा है July 1, 2017 by पारसमणि अग्रवाल | Leave a Comment वोट बैंक की राजनीति के लिये मुआवजा का लॉलीपाप न पकड़ा कर सरकार को कृषि के क्षेत्र में मौजूद समस्याओं के प्रति गम्भीरता से योजनाबद्ध तरीके से कार्य कर समस्याओं के निस्तारण कराने की जरूरत है साथ ही किसानों को मुआवजा का लत लगाने के वजह उन्हें आत्मनिर्भर बनाना भी सरकार, समाजिक संगठनों एवं संस्थाओं का नैतिक कर्तव्य है Read more » compensation to farmers farmers suicide किसानों को मुआवजा किसानों को मुआवजा का लत वक्त वोट बैंक की राजनीति
कविता साहित्य वक्त July 20, 2016 / July 20, 2016 by चारु शिखा | Leave a Comment वक्त ने वक्त के साथ बहुत कुछ सिखा दिया वक्त ने “चलना” सिखा दिया वक्त ने “मुस्कुराना”सिखा दिया वक्त ने “आसूओं” को छुपा ना सिखा दिया वक्त ने हर “जख्म” को भरना सिखा दिया वक्त -वक्त की बात है…. कभी “तितली” की तरह मंडराना, कभी “भवरें”की तरह गंजन । कभी “बेले” की तरह महकती थी […] Read more » वक्त