वक्त ने वक्त के साथ बहुत कुछ सिखा दिया
वक्त ने “चलना” सिखा दिया
वक्त ने “मुस्कुराना”सिखा दिया
वक्त ने “आसूओं” को छुपा ना सिखा दिया
वक्त ने हर “जख्म” को भरना सिखा दिया
वक्त -वक्त की बात है….
कभी “तितली” की तरह मंडराना,
कभी “भवरें”की तरह गंजन ।
कभी “बेले” की तरह महकती थी जिन्दगी
कभी ख्वाबो का “मेला” थी जिन्दगी
आज वक्त ने वो सब “याद” दिला दिया…
वक्त ने वक्त साथ के रहना सिखा दिया।
“वक्त” ने मुझको “मुझसे” मिला दिया।
चारु शिखा