कविता विदाई January 31, 2021 / January 31, 2021 by आलोक कौशिक | Leave a Comment आँसुओं के संग जबहोती है ठठोलीमुश्किल है समझनातब नैनों की बोली पिता दिखता है परेशानमाँ लगती है बेचैनबहन दिनभर हँसती हैरोती है सारी रैन भाई की आँखों मेंदिखता है तब ग़म का रेलानिकट आती है जबबहन के विदाई की बेला अजीब-सी घड़ी होती हैजब बजती है शहनाईकिसी से होता है मिलनहोती है किसी से जुदाई […] Read more » विदाई