कविता वो उतना ही पढ़ना जानती थी? April 12, 2021 / April 12, 2021 by मंजुल सिंह | Leave a Comment वो उतना ही पढ़ना जानती थी?जितना अपना नाम लिख सकेस्कूल उसको मजदूरो के कामकरने की जगह लगती थी!जहां वे माचिस की डिब्बियोंकी तरह बनाते थे कमरे,तीलियों से उतनी ही बड़ी खिड़कियांजितनी जहां से कोईजरुरत से ज्यादा साँस न ले सके!पता नहीं क्यों?एक खाली जगह और छोड़ी गयी थी!जिसका कोई उद्देश्य नहीं,इसलिए उसका उपयोगहम अंदर बहार […] Read more » वो उतना ही पढ़ना जानती थी?