कविता वो मसीहा कहाँ हैं कहाँ हैं March 13, 2024 / March 13, 2024 by राकेश कुमार सिंह | Leave a Comment यह दिलकशीयह जिस्मफरोशी का माहौलयह बद नियतीयह लुटती हुई जिंदगी का माहौलजिन्हें गुरुर खुद पर थावो मसीहा कहाँ है कहाँ है। माँ-बाप कीपैरों तले रौदी हुई पगड़ियाँये गुमराह बच्चेयह भटकती हुई नस्लें हमारीइज्जत को तार तार करते हुए लोगवो नुमाइंदे वतन के कहां हैं।वो मसीहा कहाँ है कहाँ है। ये डरे डरे से लोगये सहमी […] Read more » वो मसीहा कहाँ हैं कहाँ हैं