कविता
शपथ ग्रहण की वानगी
/ by श्रीराम तिवारी
शपथ ग्रहण की वानगी ,देख हुआ जग दंग। भले स्वजन रूठे रहें , या मजबूरन संग।। रूठी दिखी वसुंधरा , आडवाणी बैचेन। मुरली मनोहर की व्यथा,आंसू ढरते नैन ।। शपथग्रहण शामिल हुए , नेता सब दक्षेश। भारत-पाक मिल-बैठकर ,दूर करेंगे द्वेष ।। ममता -माया -मुलायम ,नीतीश -जया -नवीन। इनके बिना भी बज रही ,’नमो ‘नाम […]
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