कविता
शाक्यवीर शाक्यमुनि गौतम की पुकार
/ by विनय कुमार'विनायक'
—विनय कुमार विनायकहे मार! मुझे मत मार!मैं महामाया-शुद्धोधन का उनतीस वर्षीय बेटा शाक्यवीरसिद्धार्थ,एक क्षत्रिय राजकुमार, याचना नहीं समर करने वाला,सहस्त्रार्जुन, राम, कृष्ण का वंशज, सदियों चला असि की धार!बहुत दिया गीता का युद्ध प्रवचन, बहुत किया धनुष टंकार,सदियों का अनुभव हमारा, युद्ध करना है बेकार! हे मार! मुझे मत मार!इक्कीस-इक्कीस बार हुआ युद्धप्रिय जातियों का […]
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