कविता सच हमेशा परेशान रहता April 17, 2021 / April 17, 2021 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकसच हमेशा परेशान रहता,सच हमेशा इम्तहान देता! कहने को तो कहा गया हैकि झूठ के पांव नहीं होते! पर झूठ की पहुंच लम्बी होती,झूठ की जाल बेमिसाल होती! एक सत्य के खिलाफ अनेकबार,झूठ बोले जाते बार-बार,लगातारकि झूठ मानता नहीं कभी हार! कहने को तो झूठ को पर नहीं होते,किन्तु झूठ बिना पर के […] Read more » सच हमेशा परेशान रहता