धर्म-अध्यात्म सत्य के ग्रहण तथा अन्धविश्वासों के त्याग में ही जीवन की सार्थकता है September 17, 2020 / September 17, 2020 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य को मनुष्य का जन्म ज्ञान की प्राप्ति तथा उसके अनुसार आचरण करने के लिये मिला है। यदि मनुष्य सत्यज्ञान की प्राप्ति के लिये प्रयत्न नहीं करता तो उसका अज्ञान व अन्धविश्वासों में फंस जाना सम्भव होता है। अज्ञानी मनुष्य अपने जीवन में लौकिक एवं पारलौकिक उन्नति नहीं कर सकते। सत्यज्ञान […] Read more » Life is meaningful only in the eclipse of truth and renunciation of superstitions. अन्धविश्वासों के त्याग सत्य के ग्रहण
धर्म-अध्यात्म महर्षि दयानन्द सत्य के ग्रहण और असत्य के त्याग के आदर्श उदाहरण October 13, 2016 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment महर्षि दयानन्द जी अपने वैदिक सिद्धान्तों व विचारों के पक्के थे। यदि उनका कोई भक्त व अनुयायी उनके हित का कोई प्रस्ताव करता था जिससे उनके जीवन को हानि होने की आशंका होती थी तो वह अपने अनुयायियों द्वारा किसी स्थान विशेष की यात्रा न करने के सुझाव को स्वीकार नहीं करते थे। ऐसा ही जोधपुर में वैदिक धर्म के प्रचार के लिए जाते समय हुआ था। Read more » असत्य के त्याग महर्षि दयानन्द सत्य सत्य के ग्रहण