जन-जागरण सपनों का सौदागर – अरविन्द केजरीवाल December 12, 2013 by विपिन किशोर सिन्हा | 22 Comments on सपनों का सौदागर – अरविन्द केजरीवाल भोजपुरी में एक कहावत है – ना खेलब आ ना खेले देब, खेलवे बिगाड़ देब। इसका अर्थ है – न खेलूंगा, न खेलने दूंगा; खेल ही बिगाड़ दूंगा। दिल्ली में अरविन्द केजरीवाल और उनकी पार्टी ‘आप’ ने चुनाव के बाद गैर जिम्मेदराना वक्तव्य और काम की सारी सीमायें लांघ दी है। दिल्ली […] Read more » सपनों का सौदागर - अरविन्द केजरीवाल