व्यंग्य सर्वत्र व्याप्तम ‘कोरोना’ द्वितीयोनास्ति May 10, 2021 / May 10, 2021 by प्रभुनाथ शुक्ल | Leave a Comment हे ! कोरोना देव आपको नमस्कार है। क्योंकि आप चमत्कार हैं। आपका विस्तार अनंत आकाश से लेकर भूगर्भ लोक तक है। पूरी दुनिया आपके सामने नतमस्तक है और भय से कांप रही है। आपने युगों- युगों में श्रेष्ठ अकासुर- बकासुर, नरकासुर, महिषासुर जैसे दिव्य असुर शक्तियों को भी मात दे दिया है। इन सबका वध […] Read more » corona सर्वत्र व्याप्तम कोरोना