कहानी साहित्य सहयात्री August 30, 2016 by आर. सिंह | Leave a Comment बात उन दिनों की है, जब रेलगाड़ी में प्रथम श्रेणी में सफर करना बहुत बड़ी बात समझी जाती थी. श्रेणियाँ भी तो बहुत होती थी. प्रथम श्रेणी, द्वितीय श्रेणी, बीच में इंटरक्लास (हिंदी समतुल्य शब्द नहीं मिला) और फिर जनता की अपनी श्रेणी यानि तृतीयश्रेणी. वातानुकूलित डब्बे तो आम तौर पर गाड़ियों में होते ही […] Read more » Featured सहयात्री