कला-संस्कृति विविधा सहिष्णुता और द्रौपदी December 3, 2015 / December 3, 2015 by विपिन किशोर सिन्हा | Leave a Comment शान्ति का प्रस्ताव लेकर श्रीकृष्ण हस्तिनापुर जाने के लिए तैयार हो गए थे। सिर्फ पाँच गाँवों के बदले शान्ति के लिए पाण्डवों ने स्वीकृति दे दी थी। द्रौपदी को यह स्वीकार नहीं था। १३ वर्षों से खुली केशराशि को हाथ में पकड़कर उसने श्रीकृष्ण को दिखाया। नेत्रों में जल भरकर वह बोली — “कमलनयन […] Read more » सहिष्णुता और द्रौपदी