धर्म-अध्यात्म ‘मनुष्यादि समस्त प्राणि ईश्वर का अपना परिवार’ September 17, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, हम संसार में मनुष्य व पशु-पक्षी आदि अनेकानेक जीव-जन्तुओं को देखते हैं। इन सब प्राणियों में मनुष्यों की ही भांति एक-एक जीव अर्थात् चेतन सत्ता विद्यमान है। मनुष्य की गणना की अपनी सीमायें हैं। एक सीमा तक तो मनुष्य गणना कर सकते हैं परन्तु उसके बाद गणना तो हो सकती है परन्तु […] Read more » एकदेशी करूणा दया प्रेम मनुष्य अल्पज्ञ सुख-दुख स्नेह
धर्म-अध्यात्म सुख-दुख मुख्यतः हमारे जन्म-जन्मान्तर के कर्मों सहित देश-काल-परिस्थितियों से भी होते हैं March 1, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य जीवन उभय योनि है। इस योनि में मनुष्य कर्म करता भी है पूर्व किये हुए कर्मों का फल भोगता भी है। कर्म पूर्व जन्म व इस जन्म दोनों के हो सकते हैं। हमारे जन्म का आधार हमारे पूर्वजन्मों के कर्म व प्रारब्ध ही होता है। प्रारब्ध के अनुसार ही हमें […] Read more » सुख-दुख