शख्सियत किस प्रकार जी रहे थे* November 3, 2012 / November 3, 2012 by अरुण माहेश्वरी | Leave a Comment शंख घोष वे कैसे जी रहे थे, नये समय के पाठक अब इसे सिर्फ उनकी कविता के जरिये जानेंगे। नये दिनों की कविता कैसी हो सकती है, इसके बारे में नौजवान सुनील को एक बार ठीक पचास साल पहले उनके तभी बने मित्र ऐलेन गिन्सबर्ग ने कुछ बातें लिखी थी। तब अपने ‘हाउल’ से पूरी […] Read more » सुनील गंगोपाध्याय