दोहे साहित्य सुमन आग भीतर लिए June 19, 2013 by श्यामल सुमन | Leave a Comment हार जीत के बीच में, जीवन एक संगीत। मिलन जहाँ मनमीत से, हार बने तब जीत।। डोर बढ़े जब प्रीत की, बनते हैं तब मीत। वही मीत जब संग हो, जीवन बने अजीत।। रोज परिन्दों की तरह, सपने भरे उड़ान। सपने गर जिन्दा रहे, लौटेगी मुस्कान।। रौशन सूरज चाँद से. सबका घर […] Read more » सुमन आग भीतर लिए