कविता स्वतंत्रता दिवस पर एक नारी की पीड़ा August 14, 2018 / August 14, 2018 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment 71 वर्ष हो गये आजादी के,पर मैं अभी आजाद नहीं दर दर ठोकरे खाती हूँ,पर कही मैं अभी आबाद नहीं बचपन में पिता,जवानी में पति,बुढापे में पुत्र के आधीन रही कैसा बीता मेरा ये जीवन, क्या किसी को यहाँ मालूम नहीं बाहर निकल कर नहीं सुरक्षित,घर में भी मैं सुरक्षित नहीं कैसे है मेरा असुरक्षित […] Read more » जवानी में पति नारी देवी बचपन में पिता बुढापे में पुत्र के आधीन रही स्वतन्त्रता दिवस
विविधा स्वतंत्रता का अभिप्राय क्या? August 15, 2011 / December 7, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment अवधेश पाण्डेय आज एक और स्वतन्त्रता दिवस आ गया है. एक जागरूक इंसान की विभिन्न कार्यक्रमों में उपस्थिति रही होगी. बिना स्वतंत्रता का मतलब समझे लोग स्वयं को स्वतंत्र समझ रहे हैं. स्वतंत्र शब्द की व्याख्या इस प्रकार से होगी. स्व + तंत्र यानि ऐसा तंत्र जो अपना हो? अब आप खुद सोचिये कि इस […] Read more » Independence Day स्वतन्त्रता दिवस