कविता हर तरफ साजिश चल रही हर तरफ धोखा ही धोखा October 4, 2024 / October 4, 2024 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकहर तरफ साजिश चल रही, हर तरफ धोखा ही धोखाधर्मनिरपेक्ष नेता व आतंकी के बीच ये कैसा समझौताकि आपस में दुर्भिसंधी करके षड्यंत्र कर रहा अनोखादेश के दुश्मन कुकर्मी कुकृत्य का छोड़ रहा नहीं मौका! छद्मनाम से षड्यंत्रकारी होटल दुकान सैलून चला रहाकहीं फल के रस में मानव का मूत्र मिलाकर पिला रहाकहीं […] Read more » हर तरफ साजिश चल रही हर तरफ धोखा ही धोखा