विविधा राजनीतिक स्वार्थ की शिकार हमारी भाषाएँ January 21, 2017 / January 21, 2017 by निर्मल कुमार पाटोदी | 2 Comments on राजनीतिक स्वार्थ की शिकार हमारी भाषाएँ हिंदी पर स्वार्थ का हथोड़ा…..! दुनिया में एकमात्र स्वाधीन भारत राष्ट्र-राज्य है, जहाँ पर सत्तर साल बीत जाने पर भी राजनीति का इतना अधिक पराभव हुआ है कि इसकी अपनी राष्ट्रभाषा तक घोषित नहीं हो सकी है। इतिहास गवाह रहेगा कि राजनैतिक स्वार्थ ने भारत को जोड़ने वाली, उसकी एकता की वाहक, जन-जन के ह्रदय […] Read more » Featured हिंदी हिंदी पर स्वार्थ का हथोड़ा