कविता हे भाई बंधुवर कोई मत दहेज लो July 13, 2021 / July 13, 2021 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकएक बात मन में अवश्य सहेज लो,हे भाई बंधुवर! कोई मत दहेज लो!कुछ भी नहीं अंतर बेटा व बेटी में,बेटा के खातिर एक बेटी खोज लो! बेटी को मत समझो कोई बोझ है,बेटा गर गुलाब है तो बेटी रोज है!दहेज एक बुराई अब जमींदोज हो,बेटा अगर राजा, बेटी रानी समझो! वैदिक काल में […] Read more » हे भाई बंधुवर कोई मत दहेज लो