कविता है मुझे स्मरण… जाने जाना जानेमन ! February 13, 2020 / February 13, 2020 by आलोक कौशिक | Leave a Comment वो पल वो क्षण हमारे नयनों का मिलन जब था मूक मेरा जीवन तब हुआ था तेरा आगमन कलियों में हुआ प्रस्फुटन भंवरों ने किया गुंजन है मुझे स्मरण… जाने जाना जानेमन ! तेरा रूप तेरा यौवन जैसे खिला हुआ चमन चांद सा रौशन आनन चांदनी में नहाया बदन झूम के बरसा सावन फूलों में […] Read more » है मुझे स्मरण… जाने जाना जानेमन