कविता
है हिंदी यूं हीन ।।
/ by प्रियंका सौरभ
बोल-तोल बदले सभी, बदली सबकी चाल ।परभाषा से देश का, हाल हुआ बेहाल ।। जल में रहकर ज्यों सदा, प्यासी रहती मीन ।होकर भाषा राज की, है हिंदी यूं हीन ।। अपनी भाषा साधना, गूढ ज्ञान का सार ।खुद की भाषा से बने, निराकार, साकार ।। हो जाते हैं हल सभी, यक्ष प्रश्न तब मीत […]
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