कविता ख़यालों के स्वेटर June 29, 2020 / June 29, 2020 by अभिषेक कुमार अम्बर | Leave a Comment कवि अभिषेक कुमार अम्बर घटाएं आज बढ़ती जा रही हैंदिखाने पर्बतों को रोब अपनाहवाओं को भी साथ अपने लिया है।खड़े हैं तान कर सीने को पर्वतएक दूसरे का हाथ थामेकि अब घेराव पूरा हो गया हैगरजने लग गई है काली बदलीसुनहरे पर्वतों के रंग फीके पढ़ गये हैंमटमैली हुई जाती है उजली उजली पिंडरवही कुछ […] Read more » ख़यालों के स्वेटर