कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म विविधा फिर आया वसंत धरती पर January 31, 2017 by डॉ. सौरभ मालवीय | Leave a Comment डॊ. सौरभ मालवीय आओ आओ कहे वसंत धरती पर, लाओ कुछ गान प्रेमतान लाओ नवयौवन की उमंग नवप्राण, उत्फुल्ल नई कामनाएं घरती पर कालजयी रचनाकार रवींद्रनाथ टैगोर की उक्त पंक्तियां वसंत ऋतु के महत्व को दर्शाती हैं. प्राचीन काल से ही भारतीय संस्कृति में ऋतुओं का विशेष महत्व रहा है. इन ऋतुओं ने विभिन्न प्रकार […] Read more » Basant Panchmi Basant rity Featured ॠतुराज वसंत को नमन वसंत वसंत पंचमी
कविता ॠतुराज वसंत को नमन February 12, 2014 by विमलेश बंसल 'आर्या' | Leave a Comment आया वसंत छाया वसंत लेकर आया खुशियां अनंत नदियां बहतीं कल-कल, कल-कल सुरभित पुष्पम चहुं दिग्दिगंत गाती कोयल स्वर कुहुक-कुहुक बोले पपीहा पिउ-पिउ रटंत पादप करते तड़-तड़, तड़-तड़ झरने झरते झर-झर झरंत धरती प्रसन्न अंबर प्रसन्न जड़ चेतन पशु मानव प्रसन्न ॠषि मुनियों का चित ध्यान मग्न मदनोत्सव करते […] Read more » poem on vasant ॠतुराज वसंत को नमन