कविता
पंद्रहअगस्त सिर्फ नहीं तिथि
/ by विनय कुमार'विनायक'
—विनय कुमार विनायकपन्द्रह अगस्त सिर्फ नहीं तिथि!बल्कि यह एक इतिहास हैउन पूर्वजों के एहसास की,जिनकी उनसबकोतलाश थी,बंद हुई चक्षु से देखने की,पन्द्रहअगस्तसिर्फ नहीं तिथि! कैसी थी उनकी नियति,जान गंवा कर पाने की,यह अनोखी थी नवरीति,ये‘न भूतो न भविष्यति’पन्द्रहअगस्त सिर्फनहींतिथि! पन्द्रह अगस्त स्वतंत्रता दिवस,उनकी लाश पर थी पड़ी मिलीयह अमूल्य सी महा निधि!उनके शोणित की उपलब्धि,पन्द्रहअगस्त […]
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