व्यंग्य एक चप्पल की चाहत April 4, 2015 / April 7, 2015 by रवि कुमार छवि | Leave a Comment दोपहर के लगभग 1.30 बजे हुए थे। दफ्तर में लेट पहुंचने डर माथे पर साफ देखा जा सकता था। ऑटो में बमुश्किल से 8 लोग इस कदर बैठे हुए थे मानो ये दुनिया का आखिरी ऑटो हो। मैं, ऑटो की आगे वाली सीट पर बैठने की क्षीण होती संभावना के बीच विकल्प की तलाश कर […] Read more » auto autoriksha Featured this auto respects woman एक चप्पल की चाहत रवि कुमार छवि