धर्म-अध्यात्म जीवात्मा के उत्कृष्टता की परम अवस्था “अवधू” या “अवधूत” March 6, 2023 / March 6, 2023 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | Leave a Comment डॉ. राधे श्याम द्विवेदीभारतीय साहित्य में यह ‘अवधू’ शब्द कई संप्रदायों के सिद्ध आचार्यों के अर्थ में व्यवहुत हुआ है। साधारणत: जागातिक द्वंद्वों से अतीत, मान- अपमान-विवर्जित, पहुँचे हुए योगी को अवधूत कहा जाता है। यह शब्द मुख्यतया तांत्रिकों, सहज यानियों और योगियों का है। सहजयान और वज्रयान नामक बौद्ध तांत्रिक मतों में ‘अवधूती वृत्ति’ […] Read more » "Avadhu" or "Avadhuta" the ultimate state of excellence of the soul